सरप्लस गैस्ट टीचर्स की दोबारा नियुक्ति सिर्फ 2 कक्षाओं यानि सिर्फ
9वीं व 10वीं कक्षा के वर्कलोड के आधार पर ही करनी है और ये सिर्फ कक्षा
9वी व 10वीं को ही पढ़ाएंगे। हाईकोर्ट से भी सरकार ने सरप्लस गैस्ट टीचर्स
से सिर्फ 9वीं व 10वीं कक्षा पढ़ाने के लिए ही अनुमति मांगी थी और हाईकोर्ट
ने भी सिर्फ 9वीं व 10वीं कक्षा पढ़ाने के लिए ही अनुमति दी है।
निदेशालय के सुपरिटेंडेंट ने आज स्पष्ट किया है कि कक्षा 6+7+8वीं का
वर्कलोड नहीं जोड़ना है और कक्षा 6+7+8वीं के वर्कलोड के साथ कक्षा 9 व
10वीं का वर्कलोड जोड़ कर (यानि कक्षा 6+7+8+9+10वीं) सरप्लस गैस्ट को
नियुक्ति देना हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना होगी जिसके लिए स्कूल मुखिया
स्वयं जिम्मेवार होगा!
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