जागरण संवाददाता, चंडीगढ़।
पंजाब एवं
हरियाणा हाईकोर्ट ने पिछले दिनों 2852 कंप्यूटर टीचरों को अनुबंध पर दोबारा
नियुक्त करने के मामले में हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है। हाई
कोर्ट ने यह नोटिस इस संबंध में दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।
इस मामले में याचिकाकर्ता कैथल निवासी अर्चना ने हाईकोर्ट में
याचिका दायर कर हरियाणा सरकार द्वारा हटाए गए कंप्यूटर टीचरों को दोबारा
रखने को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि सरकार ने अनुबंध पर
कंप्यूटर टीचर नियुक्त करने में योग्यता का नजरअंदाज किया है।
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील जगबीर मलिक ने
हाई कोर्ट की एकल पीठ को बताया कि हरियाणा सरकार ने स्कूलों में कंप्यूटर
शिक्षा देने के लिए राज्य में तीन प्राइवेट कंपनी को ठेके अलाट किए थे। इन
कंपनियों ने स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा से जुड़ी सभी सुविधा व स्टाफ देने
की जिम्मेदारी थी।
2013 में दिया गया यह ठेका सरकार ने रद्द कर दिया था क्योंकि
कंपनियों ने सरकार की शर्त के अनुसार न तो योग्य टीचर रखे और न ही उससे
जुड़ी सुविधाएं दीं। बाद में यह मामला आर्बिटेटर के पास भी गया। कंपनियों
ने ठेके पर लगाए गए टीचरों का वेतन भी कई महीनों से जारी नही किया था।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने इन टीचर को हटा कर नए सिर
से कंप्यूटर टीचर रखने का फैसला किया। सरकार के इस निर्णय के खिलाफ इन टीचर
ने आंदोलन शुरू कर दिया। सरकार ने वोट बैंक व अन्य लालच में नई कंप्यूटर
टीचर भर्ती में इन पुराने हटाए गए टीचर को प्राथमिकता देते हुए नियुक्ति दे
दी जबकि वे योग्यता पूर्ण नही करते थे। इसके विपरीत योग्य टीचरों को
नियुक्ति नही दी गई।
याचिका में आरोप लगाया कि सरकार ने इस तरह से पिछले दिनों
2852 के करीब टीचर को मार्च 2016 तक नियुक्ति दे दी, जबकि याचिकाकर्ता को
योग्यता पूरी करने के बाद भी नियुक्ति नहीं दी गई। याचिकाकर्ता ने इस भर्ती
को रद्द कर योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति देने की मांग की है।
No comments:
Post a Comment