Thursday 3 December 2015

मासिक मूल्यांकन में सोनीपत रहा अव्वल

             अक्टूबर में हुए मासिक मूल्यांकन की रिपोर्ट में सोनीपत प्रदेशभर में अव्वल रहा है। इस बार भी गुड़गांव पिछले महीने से एक पायदान नीचे खिसक कर दूसरे स्थान पर आ गया है। पिछले माह मूल्यांकन में गुड़गांव सोनीपत के साथ संयुक्त रूप से पहले स्थान था और इस बार महेंद्रगढ़ के साथ दूसरे स्थान पर रहा। अगस्त की मासिक मूल्यांकन रिपोर्ट सोनीपत व गुड़गांव दोनों जिले प्रथम स्थान पर रहे थे। अगस्त के मासिक मूल्यांकन में गुड़गाव व सोनीपत के 51 प्रतिशत विद्यार्थियों ने 50 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए थे जबकि अक्टूबर को गुड़गाव के 60 प्रतिशत विद्यार्थियों ने 50 फीसदी से अधिक हासिल किए हैं जबकि सोनीपत के 63 प्रतिशत विद्यार्थियों ने 50 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल कर प्रदेश में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है।
             पहली से आठवीं कक्षा तक हर महीने होने वाले मासिक मूल्यांकन की रिपोर्ट एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) द्वारा तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में प्रदेश के सभी जिलों के विद्यार्थियों की मासिक मूल्यांकन रिपोर्ट को कंपाइल कर तैयार किया गया है। इस रिपोर्ट में 50 प्रतिशत या इससे अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को शामिल किया जाता है। इस रिपोर्ट में प्रदेश भर के विद्यार्थियों ने अगस्त के मुकाबले 50 प्रतिशत अंक से अधिक हासिल करने वाले विद्यार्थियों में नौ प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। सोनीपत जिला में 12 प्रतिशत विद्यार्थियों ने 50 फीसदी या इससे अंक हासिल किए हैं। इस रिपोर्ट में अन्य महीनों की तरह मेवात के विद्यार्थियों का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा था। अगस्त की रिपोर्ट के मुकाबले सोनीपत, झज्जर व मेवात के दस फीसदी से अधिक विद्यार्थियों ने 50 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं।
इसी रिपोर्ट के आधार पर एससीईआरटी ने निष्कर्ष निकाला है कि प्रदेशभर की मासिक मूल्यांकन में पहली से पंचम कक्षा के विद्यार्थियों का ओवर ऑल प्रदर्शन ठीक रहा है, लेकिन पहली कक्षा का मई, जून व जुलाई के मुकाबले अक्टूबर में हिंदी में प्रदर्शन कमजोर रहा है। पहली कक्षा के विद्यार्थियों ने अक्टूबर में 56 प्रतिशत विद्यार्थियों ने हिंदी में 50 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। अंग्रेजी में 70 प्रतिशत व गणित में 66 प्रतिशत विद्यार्थियों ने 50 प्रतिशत अंक अर्जित किए। कुल मिलाकर कई जिलों का प्रदर्शन बेहतर रहा तो कुछ जिलों ने डेटा एंट्री में ढिलाई दिखाई

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