संवाद सहयोगी, बराड़ा : बसंतपुरा के प्राइमरी स्कूल में बच्चों से स्कूल
वर्दी के नाम पर अध्यापक द्वारा अवैध वसूली करने का मामले में शिक्षा विभाग
ने कड़ा संज्ञान लेते हुए संबधित अध्यापक को सस्पेंड कर दिया। सुबह ही
शिक्षा विभाग के डीईईओ धर्मबीर कादियान व बराड़ा खंड के बीईओ पवन गुप्ता
बसंतपुरा के स्कूल में पहुंचे और मामले की जांच की। अधिकारियों ने स्कूली
बच्चों व अभिभावकों से पूछताछ करने के बाद आरोप सही पाए जाने पर संबधित
टीचर को सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए।
उल्लेखनीय है कि बंसतुपरा के प्राइमरी स्कूल में बच्चों से वर्दी के नाम पर सौ-सौं रूपये की वसूली किए जाने की बात जब मीडिया में आने के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया और अधिकारी स्कूल में पहुंचे व मौके पर जांच की। आरोप सही पाए जाने के बाद अधिकारियों ने आरोपी टीचर के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उसको सस्पेंड कर दिया।
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टीचर के खिलाफ जांच में आरोप सही पाए जाने पर विभागीय कार्रवाई करते हुए उसे तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है।
-धर्मबीर कादियान, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी अंबाला
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मेरे ऊपर लगे आरोप झूठे व बेबुनियाद हैं। कुछ दिन पूर्व एसएमसी सदस्यों व अभिभावकों के बीच एक बैठक हुई जिसमें फैसला किया गया कि विभाग की तरफ से भेजी गई राशि में अभिभावकों की तरफ से कुछ और राशि मिलाकर बच्चों को सर्दी से बचाने के लिए जर्सियां खरीदी जाएं। इसीलिए अभिभावकों की सहमति से ही बच्चों से एसएमसी सदस्यों द्वारा राशि एकत्रित की जा रही थी। इस मामले में उसका कोई लेना-देना नहीं है। मुझे बेवजह इस मामले में फंसाया गया है।
-विकास शर्मा, अध्यापक प्राथमिक स्कूल बसंतपुरा।
उल्लेखनीय है कि बंसतुपरा के प्राइमरी स्कूल में बच्चों से वर्दी के नाम पर सौ-सौं रूपये की वसूली किए जाने की बात जब मीडिया में आने के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया और अधिकारी स्कूल में पहुंचे व मौके पर जांच की। आरोप सही पाए जाने के बाद अधिकारियों ने आरोपी टीचर के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उसको सस्पेंड कर दिया।
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टीचर के खिलाफ जांच में आरोप सही पाए जाने पर विभागीय कार्रवाई करते हुए उसे तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है।
-धर्मबीर कादियान, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी अंबाला
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मेरे ऊपर लगे आरोप झूठे व बेबुनियाद हैं। कुछ दिन पूर्व एसएमसी सदस्यों व अभिभावकों के बीच एक बैठक हुई जिसमें फैसला किया गया कि विभाग की तरफ से भेजी गई राशि में अभिभावकों की तरफ से कुछ और राशि मिलाकर बच्चों को सर्दी से बचाने के लिए जर्सियां खरीदी जाएं। इसीलिए अभिभावकों की सहमति से ही बच्चों से एसएमसी सदस्यों द्वारा राशि एकत्रित की जा रही थी। इस मामले में उसका कोई लेना-देना नहीं है। मुझे बेवजह इस मामले में फंसाया गया है।
-विकास शर्मा, अध्यापक प्राथमिक स्कूल बसंतपुरा।
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