Thursday, 24 December 2015

मंथली टेस्ट को चेक करेगा शिक्षा बोर्ड

प्रवीण शर्मा, फतेहाबाद : प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में शिक्षा विभाग द्वारा मंथली टेस्ट लिया जाता है। इस बार मंथली टेस्ट स्कूल के अध्यापक नहीं बल्कि बोर्ड चैक करेगा। इससे अध्यापक बोर्ड की नजर में रहेंगे। मंथली टेस्ट अब बोर्ड की निगरानी में होगा। शिक्षा विभाग ने स्कूलों में नई योजना लागू की है कि इसके तहत पहली से आठवीं तक के होने वाले मंथली टेस्ट को बोर्ड के अधिकारी चैक करेंगे। इससे उन्हें स्कूलों के शिक्षा स्तर के बारे में पता चल पाएगा।
इस बार स्कूलों को परीक्षा परिणाम काफी खराब रहा है। शिक्षकों द्वारा परिणाम खराब आने का कारण बच्चों को परीक्षा में फेल न करना बताया है। इसके साथ ही पांचवीं व आठवीं की कक्षा से बोर्ड का हट जाना। क्योंकि पहले बच्चे फेल होने से डरते थे। इस कारण परीक्षा परिणाम अच्छा आता था, लेकिन बोर्ड हटते ही शिक्षा स्तर गिर गया। शिक्षकों भेजे सुझावों को देखते हुए बोर्ड ने नई योजना शुरू कर दी है। पहले पहली से आठवीं तक स्कूलों में मंथली टेस्ट खुद शिक्षक ही चैक किया करते थे। इस दौरान शिक्षक चेकिंग में गड़बड़ी कर बच्चों को पास कर दिया करते थे। ताकि वह अपने स्कूल को शिक्षा स्तर अच्छा दिखा सके, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब स्कूलों पर बोर्ड की कड़ी नजर रहेगी। हर कार्य बोर्ड की देखरेख में होगा।
---पेपर भी बोर्ड तैयार करेगा
पहले मंथली टेस्ट के पेपर स्कूली स्तर पर शिक्षक ही तैयार करते थे। इसके एवज में बच्चों से दस रुपये लिये जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब मंथली टेस्ट के पेपर बोर्ड द्वारा तैयार कर स्कूल में भेज जाएंगे। इस पर आने वाला हर खर्च भी बोर्ड ही करेगा।
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--हर खंड के पांच स्कूल के पेपर होंगे चैक
यह नहीं है कि बोर्ड के अधिकारी हर स्कूल के मंथली टेस्ट चैक करेंगे। वह अपनी मर्जी से हर खंड के पांच स्कूलों के पेपर चैक करेंगे। इसके लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिये गये है। इसलिए अब मंथली टेस्ट बोर्ड की निगरानी में होंगे। इससे बोर्ड को स्कूल के शिक्षा स्तर के बारे में पता चल पाएगा ।
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--आदेश जारी कर दिये गये है: डॉ. यज्ञदत्त वर्मा
जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. यज्ञदत्त वर्मा कहना है कि शिक्षा विभाग के नये आदेशानुसार मंथली टेस्ट पेपर बोर्ड तैयार करेगा और हर खंड के पांच स्कूलों के मंथली टेस्ट पेपर भी बोर्ड ही चैक करेगा। यह विभाग का अच्छा प्रयास है। इससे स्कूलों को शिक्षा स्तर में सुधार होगा

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